भारत और नेपाल की संस्कृति सदियों से आत्मीय संबंधों में बंदी.. हेमा मालिनी

मथुरा। वृंदावन में तीन दिवसीय भारत-नेपाल साहित्य एवं सांस्कृतिक महोत्सव-2025 का समापन रविवार को सांसद हेमा मालिनी के उद्बोधन के साथ हुआ। इस आयोजन ने दोनों देशों की साझा संस्कृति, परंपराओं और सामाजिक समरसता को मजबूत करने का कार्य किया। सांसद ने कहा कि भारत और नेपाल की संस्कृति सदियों से आत्मीय संबंधों में बंधी रही है। यह ऐतिहासिक निकटता दोनों देशों को एक-दूसरे से जोड़ती है। समारोह में नेपाल और भारत के साहित्यकारों, लेखकों, कलाकारों ने अपनी कविताओं, कहानियों और अन्य रचनाओं की प्रस्तुति दी। आयोजक डाॅ. विजय पंडित और डाॅ. हरेंद्र हर्ष ने बताया कि इस महोत्सव के माध्यम से सांस्कृतिक संवाद को और अधिक मजबूत किया गया है। सांसद ने इस सफल आयोजन के लिए ब्रज संस्कृति विशेषज्ञ डाॅ. उमेश चंद्र शर्मा, गीता शोध संस्थान के समन्वयक चंद्र प्रताप सिंह सिकरवार, डॉ. हरेंद्र हर्ष और डाॅ. विजय पंडित को बधाई दी। यह आयोजन क्रांतिधरा साहित्य अकादमी, मेरठ और चारु साहित्य प्रतिष्ठान, नेपाल के सहयोग से गीता शोध संस्थान, वृंदावन में किया गया। इस मौके पर सत्य प्रकाश शर्मा, सुश्री प्रतिभा शर्मा, भागवताचार्य विदुषी मोहिनी कृष्ण दासी, शिल्पा मुरगई, डाॅ. अनीता चौधरी, शिप्रा राठी और संध्या मिश्रा को सम्मानित किया गया।