वृंदावन...175 वर्ष पुराने 60 फीट ऊंचे रथ में विराजमान होकर निकले भगवान रंगनाथ

मथुरा। व्रन्दावन में लगभग 175 वर्ष पुराने चंदन से निर्मित 60 फीट ऊंचे रथ में विराजमान होकर भगवान रंगनाथ भक्तों को दर्शन देने निकले। प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में वेद मंत्रों के उच्चारण के बीच ठाकुर रंगनाथ भगवान को श्री देवी और भूदेवी संग पालकी में विराजित कर ज्योतिष गणना अनुसार मेष लग्न में रथ यात्रा प्रारंभ की गई। जैसे ही सात कूपे का धमाका और काली के स्वर ने रथ खींचने का संकेत दिया, भक्तों का उत्साह चरम पर पहुंच गया। श्री रंगनाथ भगवान की जय-जयकार से सम्पूर्ण क्षेत्र भक्तिमय वातावरण में डूब गया। विशाल रथ को खींचने के लिए श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। भक्तों की टोली भजन-कीर्तन करती हुई ठाकुरजी के रथ के साथ चल रही थी। रथ यात्रा मध्याह्न में बड़ा बगीचा पहुंची, जहां भगवान को विश्राम दिया गया। इसके बाद पुनः रथ को मंदिर की ओर प्रस्थान कराया गया। रथ घर पहुंचने पर ठाकुरजी को पुनः पालकी में विराजित कर शुक्रवार बगीची में ले जाया गया, जहां भगवान को शीतलता प्रदान करने हेतु रंगीन फव्वारे चलाए गए। ठाकुरजी के दर्शन के लिए हजारों श्रद्धालु उमड़ पड़े। भक्तों में विशालकाय रथ खींचने की होड़ मच गई।