आगरा में करणी सेना ने पुलिस को घेरा, तलवारें लहराईं:केसरिया साफे में 80 हजार आक्रोशित कार्यकर्ता, रामजी सुमन का घर छावनी बना

आगरा में करणी सेना ने पुलिस को घेरा, तलवारें लहराईं:केसरिया साफे में 80 हजार आक्रोशित कार्यकर्ता, रामजी सुमन का घर छावनी बना
वीर योद्धा राणा सांगा की जयंती को लेकर आगरा में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। यहां पर क्षत्रिय करणी सेना बड़े शक्ति प्रदर्शन की तैयारी है। आज आगरा के गढ़ी रामी गांव में राणा सांगा की जयंती मनाने वाली है जिसमें देशभर से 3 लाख क्षत्रियों के पहुंचने का दावा किया जा रहा है। यह कार्यक्रम दोपहर 1:15 बजे से शाम 5 बजे तक होगा। करणी सेना ने इस रैली को 'रक्त स्वाभिमान सम्मेलन' नाम दिया है।
राणा सांगा की जयंती उनके साहस, वीरता और स्वाभिमान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए मनाई जा रही है। हाल ही में समाजवादी पार्टी के एमपी रामजी लाला सुमन द्वारा राणा सांगा पर दिए गए विवादित बयान के बाद काफी बवाल मचा था।
सुरक्षा के व्यापक इंतजाम
वहीं आगरा पुलिस ने राणा सांगा की जयंती पर करणी सेना के इस आयोजन को लेकर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं। पूरे आगरा शहर को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन की ओर से पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
दरअसल, पिछले दिनों समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन के बयान को लेकर विवाद हो गया था। सुमन ने अपने बयान में राणा सांगा को गद्दार कह दिया था। इससे क्षत्रिय समुदाय के लोग आक्रोशित हो गएष। करणी सेना के कार्यकर्ता ने रामजी लाल सुमन के घर पर धावा बोल दिया था।
सपा सांसद रामजी लाल सुमन ने 21 मार्च को संसद में दिए एक बयान में कहा कि राणा सांगा ने इब्राहिम लोदी को हराने के लिए बाबर को भारत आमंत्रित किया। उन्होंने आगे तर्क दिया कि अगर भारतीय मुसलमानों को बाबर का वंशज बताया जाता है तो इसी तरह दूसरे समुदायों को भी राणा सांगा जैसे गद्दार के वंशज के तौर पर देखा जा सकता है। इसके बाद, ‘करणी सेना’ के सदस्यों ने 26 मार्च को आगरा में रामजी लाल सुमन के घर पर हमला कर तोड़फोड़ की थी।
करणी सेना की मांगें
- करणी सेना ने मांग की है कि समाजवादी पार्टी के सांसद को अपने बयान के लिए सार्वजनिक तौर पर माफी मांगनी चाहिए।
- सुमन को रूपवास (राणा सांगा के स्मारक) पर जाकर माफी मांगनी होगी।
- करणी सेना ने सुमन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है
- उनके बयान को सामाजिक समरसता को ठेस पहुंचाने वाला बताया गया है।
- कुछ नेताओं ने सुमन की सांसदी रद्द करने की भी मांग की है।
कौन थे राणा सांगा?
राणा सांगा ने 1509 से 1528 तक मेवाड़ पर शासन किया। वे अपनी वीरता, उदारता और राजपूत एकता के लिए प्रसिद्ध थे। राणा सांगा ने दिल्ली, गुजरात, और मालवा के सुल्तानों के खिलाफ कई युद्ध लड़े। उन्होंने 1527 ई. में बाबर के खिलाफ खानवा का युद्ध लड़ा था। इस युद्ध में वे घायल हो गए और बाद में 1528 में उनकी मौत हो गई। उनकी वीरता ने महाराणा प्रताप जैसे योद्धाओं को प्रेरित किया।