चेकबुक चोरी करके निर्यातक के खाते से उड़ाए एक करोड़

पीड़ित की तहरीर पर पार्टनर व बैंक मैनेजर के खिलाफ रिपोर्ट

चेकबुक चोरी करके निर्यातक के खाते से उड़ाए एक करोड़

निर्यात फर्म के पार्टनर ने बैंक मैनेजर से साठगांठ करके फर्म के खाते की चोरी छिपे चेकबुक जारी करा ली। बाद में उसकी मदद से कंपनी के 1 करोड़ 42 लाख 51 हजार 213 रुपये आरटीजीएस कर दिए। इस मामले में निर्यातक की शिकायत पर डीआईजी के आदेश पर मझोला थाना पुलिस ने उसके पार्टनर और बैंक मैनेजर के खिलाफ मझोला थाने में धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज की है।

थाना सिविल लाइंस के रामगंगा विहार निवासी अविरल अग्रवाल ने बीते दिनों डीआईजी को शिकायती पत्र देकर बताया कि वह और मधुबनी निवासी विपिन चड्डा मझोला के लाकड़ी फाजलपुर चौहान मार्केट के पास पैलेशियल डिजाइन प्राइवेट लिमिटेड नाम से निर्यात कंपनी चलाते हैं।

जिसमें वह और विपिन चड्डा अपनी दूसरी कंपनी रयस ओवरसीज के माध्यम से 70 फीसदी के साझेदार हैं। शेष 30 फीसदी में 15 फीसदी के साझेदार मध्य प्रदेश के जबलपुर निवासी उत्कर्ष जैन और 15 फीसदी का साझेदार सिविल लाइंस के जेल के पीछे रहने वाला आरोपी पार्टनर है। अविरल अग्रवाल के अनुसार पैलेशियल डिज़ाइन कंपनी का चालू खाता एसबीआई की प्रकाशनगर शाखा में है, जिसके मोड ऑफ ऑपरेशन में उनके हस्ताक्षर अनिवार्य हैं। उनके अलावा 15-15 फीसदी के दोनों साझीदारों में से किसी एक का हस्ताक्षर चेक पर होता है।

अविरल अग्रवाल ने पुलिस को बताया कि 14 जून 2024 को उनके अकाउंटेंट ने बताया कि फर्म के खाते के स्टेटमेंट में जो चेक संख्याएं आ रही हैं वो चैक बुक जानकारी में नहीं है। बाद में बैंक में जाकर जानकारी की गई तो पता चला कि चेक बुक सिविल लाइंस के जेल के पीछे रहने वाले 15 फीसदी का हिस्सा रखने वाले पार्टनर द्वारा बिना किसी से बताए जारी कराई गई है।

आरोप लगाया कि बैंक मैनेजर से साठगांठ करके पार्टनर ने चेक पर उनके कूटरचित एवं फर्जी हस्ताक्षर करके धनराशि आरटीजीएस की है। बैंक का स्टेटमेंट निकालने पर पता चला कि इस तरह के कुल 145 चेक के माध्यम से एसबीआई की प्रकाशनगर शाखा के मैनेजर से मिलकर पार्टनर ने कुल 1 करोड़ 42 लाख 51 हजार 213 रुपये आरटीजीएस किया है। निर्यातक के अनुसार यह भी पता चला कि पार्टनर ने उनसे कुछ लोगों के नाम यह कहकर हस्ताक्षर कराए थे कि यह चेक उसको जाने है, जिससे कच्चा माल लिया है।

लेकिन, जब चेक जारी किए गए लोगों से पता किया तो पत चला कि पार्टनर ने उन्हें जो चेक दिए थे, उसे वापस ले लिए और कैश रुपये लेकर गए। यह भी पता चला कि उन लोगों ने फर्म को कोई कच्चा माल नहीं दिया था। अविरल अग्रवाल का आरोप है कि उनके पार्टनर ने साजिश के तहत फर्जीवाड़ा करके कंपनी को लाखों रुपये का नुकसान पहुंचाया है।मांग की कि उनके पैसे वापस कराए जाएं।

मामले में डीआईजी ने मझोला पुलिस को कार्रवाई के आदेश दिए थे। इस संबंध में सीओ सिविल लाइंस कुलदीप कुमार गुप्ता ने बताया कि एक्सपोर्टर अविरल अग्रवाल की तहरीर के आधार पर मझोला थाना पुलिस ने उनके आरोपी पार्टनर और बैंक मैनेजर के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी समेत अन्य गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर जांच की जा रही है।