द्वापरयुग की लता-पताओं से अद्भुत दिखेगा श्रीबांकेबिहारी कॉरिडोर

मथुरा। अयोध्या-काशी की तर्ज पर कान्हा की नगरी में कॉरिडोर बनने का रास्ता साफ हो गया है। कॉरिडोर में लता-पताएं द्वापरयुग का अहसास कराएंगी। कृष्णकालीन पौधे कॉरिडोर की भव्यता में चार चांद लगाएंगे। कॉरिडोर निर्माण का रास्ता साफ होने के बाद जिला प्रशासन जमीन अधिग्रहण की तैयारी करेगा। कॉरिडोर की भव्यता ऐसी होगी कि बिहारीजी के भक्त अपलक निहारते रह जाएंगे। कॉरिडोर में ज्यों-ज्यों भक्त मंदिर की सीढ़ियां चढ़ते जाएंगे, उनकी बिहारीजी से मिलन की जिज्ञासा और बढ़ती जाएगी। यहां सुविधाएं भी बेहतर होंगी। कदंब तो कहीं करील के पौधे कॉरिडोर की खूबसूरती को और चार चांद लगाएंगे। कॉरिडोर प्रांगण में ठाकुर श्रीबांकेबिहारी जी से पहले राधागोपाल, राधाबिहारी और केशव-जू सहित गौड़िया मठ का अद्भुत आकर्षण भक्तों के लिए मनोहारी छटा बिखेरने वाला होगा। पांच एकड़ क्षेत्र में प्रस्तावित बिहारीजी कॉरिडोर के साथ ही इस दायरे के अत्यंत निकट स्थापित प्राचीन मंदिर श्रीमदन मोहन और श्री राधावल्लभ भी ठा. श्रीबांकेबिहारी जी के भक्तों के निकट आ जाएंगे। भव्य कॉरिडोर के दोनों किनारे यह विशाल मंदिर भी भक्तों के आकर्षण का केंद्र बनेंगे, जहां वर्तमान में बहुत कम श्रद्धालु पहुंचते हैं। यह दोनों ही मंदिर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीन संरक्षित हैं।