**यूपी के ऊर्जा मंत्री के मुरादाबाद दौरे में बिजली गुल, 5 अधिकारी निलंबित**
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जिला रिपोर्टर शाने आलम हिंदुस्तान न्यूज़ 24
मुरादाबाद: उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा शनिवार को मुरादाबाद के दौरे पर थे। इस दौरान उनके कार्यक्रम में अचानक 10 मिनट के लिए बिजली आपूर्ति ठप हो गई, जिससे हड़कंप मच गया। इस घटना से नाराज ऊर्जा मंत्री ने मंच से ही अपनी नाराजगी जाहिर की। मामले को गंभीरता से लेते हुए बिजली विभाग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पांच वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित कर दिया। निलंबित अधिकारियों में मुख्य अभियंता अरविंद सिंघल, अधीक्षण अभियंता सुनील अग्रवाल, अधिशासी अभियंता प्रिंस गौतम, एसडीओ राणा प्रताप और जेई ललित कुमार शामिल हैं।
घटना मुरादाबाद के गांधी पार्क में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान हुई, जहां ऊर्जा मंत्री एके शर्मा उपस्थित थे। कार्यक्रम के बीच में तकनीकी गड़बड़ी के कारण बिजली आपूर्ति बाधित हो गई। 10 मिनट तक बिजली गुल रहने से न केवल कार्यक्रम प्रभावित हुआ, बल्कि यह घटना प्रशासन और बिजली विभाग के लिए भी शर्मिंदगी का कारण बनी। ऊर्जा मंत्री ने इस लापरवाही को गंभीरता से लिया और मौके पर ही अधिकारियों को फटकार लगाई। उन्होंने बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए इसे अस्वीकार्य बताया।
मंत्री की नाराजगी के बाद बिजली विभाग ने तुरंत कार्रवाई शुरू की। जांच के बाद पाया गया कि बिजली कटौती के लिए जिम्मेदार अधिकारियों ने अपने कर्तव्यों में लापरवाही बरती। इसके परिणामस्वरूप, विभाग ने पांच अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। निलंबन की कार्रवाई को ऊर्जा विभाग की ओर से एक सख्त संदेश के रूप में देखा जा रहा है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
मुरादाबाद के निवासियों का कहना है कि बिजली कटौती की समस्या उनके लिए नई नहीं है। शहर में अक्सर बिना सूचना के बिजली कटौती होती रहती है, जिससे आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस घटना के बाद स्थानीय लोगों ने मांग की है कि बिजली विभाग को अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करना चाहिए और ऐसी लापरवाही को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।
ऊर्जा मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं। साथ ही, उन्होंने बिजली आपूर्ति को और बेहतर करने के लिए विभाग को नई योजनाओं और तकनीकी सुधारों पर काम करने का आदेश दिया है। इस घटना ने एक बार फिर बिजली विभाग की जवाबदेही और कार्यक्षमता को सुधारने की आवश्यकता को रेखांकित किया है।