मथुरा। कालाबाजारी प्रतिबंध में शामिल हो रही “पॉश मशीन” -21 मशीनरी और 24 किसानों को नोटिस

मथुरा। कालाबाजारी प्रतिबंध में शामिल हो रही “पॉश मशीन” -21 मशीनरी और 24 किसानों को नोटिस

मथुरा में पॉश मशीन कालाबाजारी निषेध में सफल हो रही है। सरकारी राशन, के बाद रासायनिक खाद की बिक्री भी पॉश मशीन के जरिये की जा रही है। अब सरकारी खाद की कालाबाजारी में आसानी से पकड़ आ गई है। तो रासायनिक खाद बिक्री लागे के कारनामे भी बेचे जाते हैं। जिन किसानों के पास रकबा के लिए पांच बोरी खाद की सुविधा है, उन्हें 50 बोरी दी गई है। तो किसी को 40 बोरी जबकि जिन किसानों को वास्तव में खाद की जरूरत है वह मुहं फिरे रह गया। संयुक्त कृषि निदेशक, आगरा संतोष कुमार राय के जिले के राष्ट्रीय मानकों के निरीक्षण के दौरान इस तरह के एक दो नहीं बल्कि थोक के भाव का मामला सामने आया है, किसानों को उनके रकबा के खाते से खाद दी जा रही है, जिला प्रशासन का दावा है कि जिले में रासायनिक खाद की कोई कमी नहीं है। सब्जी में खाद उपलब्ध है। इसके बावजूद भी खाद्य पदार्थों के लिए महामारी की स्थिति बनी हुई है, जांच में पता चला है कि छाता गांव रणवारी के किसान जगदीश ने 43 बोरी, गौरी के रामवीर ने 43 बोरी, रांघेरा के शुभम् ने 43 बोरी, लामबंद बांगर के सुनील ने 43 बोरी, बलदेव के अकोस बांगर के श्री हर्ष ने 50 बोरी लालची। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इन किसानों के पास खेती का रकबा काफी कम था, लेकिन न्यूनतम खाद्यान्न ज्यादा खरीद ली। शासन स्तर से सबसे अधिक मात्रा में डिग्री प्राप्त की गई। 6 बगीचे वाले एक किसान के नाम 47 बोरी ड्रायर की बिक्री कर दी। जबकि एक स्मारक भूमि पर एक माह में केवल दो बोरी ही कोटेशन दिया जा सकता है। शासन स्तर से जब ऑनलाइन पॉश मशीन से मंगवाया गया तो खादी बोरियों की निगरानी की गई तो एलेसी की पोल खुल गई। कृषि विभाग ने 21 एसेसरीज और 24 किसानों को नोटिस जारी किया।