यमुना हुई विकराल, काॅलोनियां बनने लगीं ताल

मथुरा। यमुना अपना रौद्र रूप दिखा रही है। बुधवार को खतरे के निशान 166.00 मीटर से पांच सेंटीमीटर पानी नीचे था। इससे बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। यदि 24 घंटे में जलस्तर कम नहीं हुआ तो तटीय किनारों के दर्जनों गांव और कॉलोनियां बाढ़ की चपेट में आ जाएंगी। ऐसे में यहां रहने वाले लोगों की धड़कनें बढ़ गई हैं।
हालांकि वर्तमान में निचले कई क्षेत्रों में पानी घुस गया है। नौहझील, वृंदावन और सदर के जयसिंहपुरा की दर्जनों कॉलोनियां जलमग्न हो गई हैं। बलदेव और शेरगढ़ के एक-एक गांव का संपर्क टूट गया है। ऐसे में प्रशासन ने सतर्कता बढ़ा दी है और 24 घंटे अधिकारी व कर्मचारी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की निगरानी कर रहे हैं। यमुना के बढ़ते जलस्तर ने जिले के अनेक गावों को चारों ओर से घेर लिया है। वृंदावन में परिक्रमा मार्ग पर कई फीट पानी भर गया है। सदर के जयसिंहपुरा, गणेश टीला समेत कई कॉलोनियों में दो-दो फीट पानी भर गया है, जो लोग पानी में फंसे हैं उन्हें सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है। लगातार मुनादी कर बाढ़ प्रभावित क्षेत्र खाली करने की अपील की जा रही है। शेरगढ़ क्षेत्र के गांव बाबूगढ़, बसाऊ, ओवा, स्यारहा, छिनपारई, दौलतपुर, बेहटा गांव के अंदर तक पानी पहुंच गया है। बलदेव, नौहझील, मांट महावन समेत कई गांव का भी यही हाल है। मथुरा के घाटों पर बैरिकेडिंग एवं टिन लगाने के साथ ही पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। यमुना में नावों के संचालन पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। वहीं, खादर की कॉलोनियों में बने घरों से लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है। बुधवार को भी लोगों का सुरक्षित स्थानों की ओर जाना जारी रहा। लगातार बढ़ रहे जलस्तर से कई क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। बीते 24 घंटे में यमुना का जलस्तर 165.87 से बढ़कर 165.95 मीटर तक पहुंच गया है। खतरे का निशान पार होते ही यमुना से सटे इलाकों में पानी ही पानी नजर आएगा। हालांकि अधिकारी बुधवार रात से जलस्तर घटने का दावा कर रहे हैं। सिंचाई विभाग अपर खंड के एक्सईएन नवीन कुमार ने बताया कि बुधवार को हथिनीकुंड से 29698 क्यूसेक और ओखला बैराज से 51924 क्यूसेक पानी छोड़ गया गया है, जबकि गोकुल बैराज से करीब 88785 क्यूसेक पानी ही डिस्चार्ज किया जा रहा है। इसके बावजूद हालात खराब होते जा रहे हैं