मथुरा - में यमुना नदी एक बार फिर उफान पर किनारों पर रहने वालों की धड़कन बड़ी, प्रशासन एक्टिव मोड पर

मथुरा - में यमुना नदी एक बार फिर  उफान पर किनारों पर रहने वालों की धड़कन बड़ी, प्रशासन एक्टिव मोड पर

*एक बार फिर उफान पर यमुना,नदी किनारे रहने वालों की बढ़ीं धड़कनें; प्रशासन अलर्ट मोड पर*

वृन्दावन में यमुना का जलस्तर बीते दिनों कम होने के बाद बुधवार से फिर बढ़ने लगा है। निचले क्षेत्रों में फिर पहले जैसे हालात बनते जा रहे हैं। 

हालांकि कुछ क्षेत्रों में समस्याएं पहले से ही बरकरार हैं। शुक्रवार सुबह को यमुना का जलस्तर खतरे के निशान 166 मीटर से महज 40 सेंटीमीटर नीचे दर्ज किया गया, जबकि बीते दिनों यह आंकड़ा चेतावनी बिंदु तक पहुंच गया था। यमुना के किनारे बसे लोगों की फिर से धड़कनें बढ़ने लगी हैं। हालांकि प्रशासन पहले से ही सतर्कता बरत रहा है।

बीते दिनों यमुना का जलस्तर खतरे का निशान पार कर गया था। इससे निचले क्षेत्रों की कॉलोनियां और दर्जनों गांव में बाढ़ जैसे हालात बन गए थे। सैकड़ों किसानों की फसल नष्ट हो गई, दर्जनों कॉलोनियों के लोगों को राहत शिविरों में ठहराया गया। हालांकि प्रशासन की टीम नष्ट फसलों का सर्वे करा रही है और लोगों की मदद के लिए जुटी हुई है। 

धीरे-धीरे यमुना का जलस्तर घटने पर लोगों ने राहत की सांस ली, लेकिन बुधवार से एक बार फिर यमुना का जलस्तर बढ़ने से लोगों की धड़कनें बढ़ना शुरू हो गई हैं। बृहस्पतिवार को प्रयाग घाट पर यमुना का जलस्तर 165.60 मीटर दर्ज किया गया है, जो बीते 24 घंटे में 165.50 मीटर से बढ़कर 165.60 मीटर तक आया है। यह आंकड़ा खतरे के निशान 166 मीटर से महज 40 सेमी नीचे है।

सिंचाई विभाग अपर खंड के एक्सईएन नवीन कुमार ने बताया बृहस्पतिवार शाम को हथिनीकुंड से 32714 क्यूसेक और ओखला से 48773 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, 

जबकि गोकुल बैराज से 70735 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया जा रहा है। जलस्तर बढ़ने से यमुना से सटी वृंदावन की दर्जनों कॉलोनियों समेत निचले गांवों में यमुना का पानी घुसने लगा है। हालांकि कुछ क्षेत्रों में पहले से ही यमुना का पानी भरा हुआ है। जिलाधिकारी चंद्रप्रकाश सिंह ने संबंधित अधिकारियों को लगातार निगरानी करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही बाढ़ से प्रभावित लोगों की मदद के लिए निर्देशित किया है।