भागलपुर में थानाध्यक्ष सस्पेंड, जबरन वसूली और फर्जी केस का लगा आरोप

भागलपुर में थानाध्यक्ष सस्पेंड, जबरन वसूली और फर्जी केस का लगा आरोप
बिहार के भागलपुर से खबर है जहां शाहकुंड थाना के थानाध्यक्ष सह पुलिस निरीक्षक जयनाथ शरण को निलंबित कर दिया गया. व्यापारी से जबरन वसूली और फर्जी केस के आरोप में उन्हें सस्पेंड किया गया
बिहार के भागलपुर जिले में वारंट रजिस्टर में गड़बड़ी और मालखाना प्रभार विवाद जैसे गंभीर आरोपों में फंसे शाहकुंड थाना के थानाध्यक्ष सह पुलिस निरीक्षक जयनाथ शरण को निलंबित कर दिया है. शनिवार को जारी आदेश के अनुसार उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर पुलिस केंद्र, भागलपुर में योगदान करने का निर्देश दिया गया है.
व्यापारी से जबरन वसूली और फर्जी केस का आरोप
दरअसल, बांका जिले के अमरपुर निवासी व्यापारी मोहम्मद एजाज ने थानाध्यक्ष जयनाथ शरण पर गंभीर आरोप लगाए थे. व्यापारी ने कहा था कि उनसे जबरन रुपये वसूले गए और नहीं देने पर झूठा मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा गया. नगर पुलिस अधीक्षक, भागलपुर की जांच में यह आरोप सही पाए गए. रिपोर्ट में बताया गया कि थानाध्यक्ष ने 10,000 रुपये लेने के अलावा भूसा कारोबार से जुड़ी लेन-देन में भी गड़बड़ी की थी
वारंट रजिस्टर मिलान में आदेश की अनदेखी
आईजी कार्यालय ने सभी थानों को 24 जून 2025 को वारंट रजिस्टर का मिलान कराने का आदेश दिया था. लेकिन शाहकुंड थानाध्यक्ष जयनाथ शरण खुद उपस्थित नहीं हुए और वारंट रजिस्टर मिलान की कार्रवाई पूरी नहीं हो सकी. अभियोजन शाखा की तरफ से उपलब्ध कराई गई लंबित वारंट की लिस्ट थाने के अभिलेखों से मेल नहीं खा रही थी. इस पूरे मामले को उल्लंघन माना गया
मालखाना प्रभार विवाद में भी लापरवाही का मामला
इस दौरान स्थानांतरित पुलिस उप निरीक्षक मुकेश कुमार ने मालखाना प्रभार सौंपने का अनुरोध किया था. लेकिन थानाध्यक्ष ने न तो खुद प्रभार लिया और न ही किसी अन्य को दिलवाया. जबकि मुख्यालय के आदेश के अनुसार मालखाना प्रभार थानाध्यक्ष को लेना अनिवार्य है. इस वजह से मालखाना प्रभार का मामला महीनों तक अधर में लटका रहा
कठोर कार्रवाई की अनुशंसा पर निलंबन किया गया
नगर पुलिस अधीक्षक, भागलपुर ने भी जयनाथ शरण की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की थी. आईजी कार्यालय की विवेचना में यह स्पष्ट पाया गया कि उनके आचरण में सुधार की कोई संभावना नहीं है. इसी आधार पर उन्हें निलंबित कर दिया गया. निलंबन अवधि में उन्हें केवल सामान्य जीवन यापन भत्ता मिलेगा